Published On : Fri, Sep 19th, 2014

हज कोटा नहीं मिलने पर भड़के भाजपा अल्पसंख्यक नेता अशफाक़ पटेल; उतारा पार्टी नेताओं पर गुस्सा

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नागपुर: नागपुर में भाजपा अल्पसंख्यक सेल के नेता अशफाक पटेल इन दिनों अपनी ही पार्टी के आला नेताओं से खासे नाराज चल रहे हैं और उनकी नाराजगी का आलम ये है कि अब उन्होने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ खुले आम मोर्चा खोल दिया है। हज यात्रा में वीआईपी कोटे के मांग पूरी न होने से क्षुब्ध पटेल ने कहा कि लोकसभा चुनाव एकतरफा जीतने के बाद भाजपा के बड़े नेता मगरूर हो गए हैं। जनहितार्थ कार्यों को तवज्जो देने की बजाय उनको लगातार नज़रअंदाज कर रहे है.जिसका नतीजा देश के विभिन्न राज्यों में पिछले दिनों हुए उपचुनावों में देखने को मिला है। हिन्दू साधू-संत द्वारा लव जेहाद, मदरसों में ट्रेंनिंग जैसे बेतुका मुद्दों को छेड़ कर बेवजह अल्पसंख्यक समुदाय को बदनाम करने में मस्त हैं। इसका असर राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा में दिख जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

गडकरी का खत भी काम न आया

पटेल ने चर्चा में बताया कि मई से लेकर आजतक हज यात्रा के वीआईपी कोटे की कुछ जगह प्राप्ति के लिए ५-५ चक्कर काट चुके हैं लेकिन काम नहीं बना। आखिरी दौरे पर जाने के लिए नितिन गडकरी के निजी सहायक सुधीर से विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के नाम पत्र लेकर दिल्ली स्थित उनके कार्यालय गया। स्वराज के निजी सहायक ने गडकरी का पत्र पढ़कर जवाब दिया की उनके पास एक ही जगह शेष है, यह चाहिए तो ले लीजिये। पटेल की उम्मीद ५-७ जगह की थी। एक जगह लेने का प्रस्ताव सुन तमतमा गए और उल्टे पाँव दिल्ली स्थित गडकरी के बंगले पर जाकर उनसे उक्त घटना बयां की। गडकरी ने कुछ उपाययोजना करने की बजाय चलते बने। ऐसे में भाजपा अल्पसंख्यक समुदाय की नाराज़गी आगामी चुनाव में भाजपा को भारी पड़ेगी।

अल्पसंख्यकों को किया नाउम्मीद
पटेल ने भाजपा से अल्पसंख्यक समाज न सरकारी नौकरी मांगती है और न कुछ और… अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अपने जीवनयापन के लिए खुद प्रयोजन करते आए हैं। हज़ यात्रा जैसे मामले में सिर्फ कोटा माँगा तो उसे भी नकार दिया जाना उचित नहीं है। अल्पसंख्यक समाज को भाजपा विधानसभा में टिकट २-३ से ज्यादा नहीं देगी और उन्हें समाज का वोट लाखों में चाहिए.क्या यह अल्पसंख्यक समाज के साथ अन्याय नहीं है.

ये क्या कह गए अशफाक़ पटेल!

पटेल इतने आगबबूला थे कि उन्होंने बताया कि चुनावों में एक की बजाय सीमित समय में १०-१० वोट डालने का हुनर सिर्फ ओर सिर्फ अल्पसंख्यक समाज को है। अगर ऐसे ही भाजपा का रवैये रहा तो मध्य नागपुर से भाजपा को सीट गवानी पड़ सकती है। वैसे भी कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार अनीस अहमद २-३ माह से लगातार मध्य नागपुर में जनसंपर्क बनाते हुए काफी आगे निकल चुके हैं। भाजपा से क्षुब्ध अल्पसंख्यक समाज कहीं पुनः अनीस अहमद के साथ नज़र आये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.

उल्लेखनीय यह है कि पटेल की पत्नी नागपुर महानगर पालिका की पूर्व उपमहापौर थी.

द्वारा:-राजीव रंजन कुशवाहा