आरोपी पिता पुलिस हिरासत में
घाटंजी (यवतमाल)। घाटंजी पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले मौजा आसोली, पांढरकवडा में आदिवासी परिवार में पिता ने अपनी 3 माह की बच्ची की हत्या कर जमीन में दफना दिया. आरोपी पिता ने इस घटना को 3 मई को अंजाम दिया. 5 मई को माँ ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की. पिंटू जनार्धन जुमनाके आरोपी है
प्राप्त जानकारी के अनुसार मौजा आसोली निवासी आरोपी पिंटू जनार्धन जुमनाके का विवाह एक वर्ष पूर्व पांढरकवडा तालुका के मोरबा के मोतीराम नेताम की बेटी संगीता से हुआ. शादी के बाद से पति-पत्नी में कहासुनी होती थी. आरोपी 3 मई को बाहर से आया और अपनी बच्ची का दुलार करने का प्रयास कर रहा था. लेकिन संगीता ने उसकी तबियत ख़राब है कहकर रोका. इससे पहले भी सास ने बच्ची को झूले से निकालने की कोशिश की थी, उसे भी संगीता ने रोका था.
आरोपी पिंटू को पत्नी पर शक आने से आरोपी ने शराब के नशे में संगीता से मारपीट की और रस्सी से हाथ पैर बांधकर घर में बंद करके रखा. झूले में बच्ची को देखने के बाद वो मृत अवस्था में मिली. गुस्सा काबू में कर घटना की जानकारी गांव में दी गई लेकिन गांववासी कोई भी नही आया. जिससे घर के ही सदस्यों ने बच्ची को दफना दिया.
इस घटना की शिकायत 5 मई को बच्ची की माँ संगीता ने घाटंजी पुलिस थाने में दर्ज की. शक के दायरें में पति का नाम डाला गया. जिससे पति पिंटू के खिलाफ ए.पी.आय. मिरासे ने भादंवि की धारा 302, 201, 342, 323 के तहत मामला दर्ज किया. 6 मई को शाम को पिंटू को हिरासत में लिया गया. पिंटू के बयान में फरयादी संगीता को यवतमाल पुलिस ने जाँच के लिए यवतमाल भेजने की बात पता चली.
उल्लेखनीय है कि पिंटू और संगीता की शुरुवात से गृहस्ती नही चल रही थी. एक दिन संगीता ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने का भी प्रयास किया था. घटना की गंभीरता देखते हुए कौन दोषी है? ये जाँच के बाद ही पता चलेगा. पति-पत्नी दोनों पर शक किया जा रहा है. वनी की उपविभागीय अधिकारी सविता तुरेकर ने घटनास्थल पर भेट दी. आगे की जाँच पुलिस कर रही है.