मुंबई/नागपुर: गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स को राज्य ने अपना समर्थन जाहिर कर दिया है। इस बिल के लिए खास तौर पर सोमवार 29 अगस्त 2016 को एकदिवसीय विधिमंडल अधिवेशन बुलाया गया था। राज्य से इस बिल पर अपना समर्थन जताते हुए विधानसभा और विधानपरिषद दोनों ही सदनों में निर्विरोध इसे पास कर दिया। केंद्र सरकार द्वारा देश भर में एक कर प्रणाली लागु किये जाने के उद्देश्य से जीएसटी बिल लाया गया है। इस बिल को लागू करने के लिए कम से कम 15 राज्यो का समर्थन चाहिए जिसमे से आठ राज्य पहले ही मंजूरी दे चुके है। आज महाराष्ट्र ने इसे आधिकारिक मंजूरी दे दी।
सरकार की ओर से वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने जीएसटी का प्रस्ताव और बिल पर भूमिका रखी। कांग्रेस की तरफ से विरोधी पक्ष नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, पृथ्वीराज चौहान ने जबकि राष्ट्रवादी पार्टी की ओर से जयंत पाटिल ने अपनी भूमिका रखी।
इस बहस में वित्त मंत्री ने बिल को राज्य के लिए फायदेमंद करार दिया। जीएसटी से भ्रष्टाचार और महंगाई पर रोक लगेगी। इसका फायदा व्यापारी और ग्राहक दोनों को होगा जीएसटी में 17 कर समाहित होंगे। राज्यो के बीच की प्रतिस्पर्धा भी ख़त्म होगी।
विपक्ष की ओर से अपनी बात रखते हुए विखे पाटिल ने कहा इस बिल की जनक कांग्रेस है। राज्य के अधिकार बिल से प्रभावित नहीं होने चाहिए और ना ही महानगर पालिका को नुकसान होना चाहिए। विपक्ष की सूचना का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा सरकार राज्य की महानागपरिकाओ पर इसका असर नहीं पड़ने देगी।
फिहलाल दुनिया के 125 से ज्यादा देशो में यह कर प्रणाली लागू है। देश में वैट, चुंगी, सर्विस, एक्सईज जैसे अलग-अलग तरह के टैक्स की व्यवस्था है जो समाप्त होकर एक प्रणाली के अंतर्गत आ जाएगी। केंद्र सरकार 1 अप्रैल 2017 से इसे लागू करने की तैयारी में है।