Published On : Fri, Nov 24th, 2017

पार्टी की स्थापना से ही शुरू हो गया था संशय का दौर

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Sunil Tatkare
नागपुर: विभिमंडल के शीतकालीन अधिवेशन के दौरान 12 दिसंबर को राष्ट्रवादी पार्टी और कांग्रेस द्वारा हल्लाबोल-जनाक्रोश मोर्चा निकाला जाने वाला है। इस मोर्चे की तैयारी के सिलसिले में तटकरे शुक्रवार को नागपुर में थे। कार्यकर्ताओ से बैठक के बाद तटकरे प्रेस से भी मुखातिब हुए। इस दौरान पार्टी अध्यक्ष शरद पवार की बीजेपी नेताओं से मुलाकात को लेकर उनसे सवाल किया गया कि इन मुलाकातों की वजह से पार्टी को लेकर कई तरह के संदेह व्यक्त किये जा रहे है ? इस सवाल का जवाब देते हुए पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ने कहाँ की यह संदेह निरर्थक है पार्टी की स्थापना से लेकर कई दौर में कई तरह के कयास लगाए जाते रहे है। धर्मनिरपेक्षा के मूलमंत्र के साथ पार्टी की स्थापना हुई है और पार्टी उसी पर चल रही है।

उन्होंने वर्ष 1999 का जिक्र करते हुए कहाँ की उस दौर में राज्य में सेना-बीजेपी और राका की संयुक्त सरकार बनाने की एवज में शहर पवार को उपप्रधानमंत्री पद की पेशकश की गयी थी जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। हालही में अजित पवार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक ही विमान में प्रवास किया इसलिए कई तरह की बातें उड़ाई जा रही है यह मात्र संयोग था। राजनेताओं के बीच संवाद हो यह अच्छे लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।

विधानपरिषद के लिए कांग्रेस का समर्थन
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता रह चुके नारायण राणे को रोकने के लिए कमर कस चुकी कांग्रेस को उसके मित्र पक्ष राका ने भी समर्थन देने का पक्का मन बनाया है। तटकरे ने साफ किया की विधानपरिषद चुनाव में उनका दल कांग्रेस को ही साथ देगा। पिछले चुनाव में तीन सीटों में कांग्रेस और राका का गठबंधन था इसी में से एक सीट नारायण राणे की थी। अब इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार को ही राष्ट्रवादी ने अपना समर्थन जाहिर किया है।

मोर्चे का नेतृत्व करेंगे पवार
अधिवेशन के दौरान निकाले जानेवाले मोर्चे का नेतृत्व शरद पवार द्वारा किये जाने की जानकारी सुनील तटकरे ने दी। अधिवेशन के दौरान पहले 11 दिसंबर को कांग्रेस जबकि 13 दिसंबर को राष्ट्रवादी द्वारा मोर्चा निकले जाने की तैयारी थी। लेकिन अब दोनों दल संयुक्त रूप से यह मोर्चा निकलेंगे इसी दिन पवार 78 वे वर्ष में पदार्पण करने जा रहे है।