अॉटो चालक-मालक ने की अस्थायी रूप में पुल की मरंम्मत
अहेरी (गड़चिरोली)। अहेरी तालुका के समीप गडअहेरी नाले की हालत दयनीय हुई है. जिसकी ओर प्रशासन अनदेखी कर रहा है. किसी भी पार्टी के लोकप्रतिनिधी, प्रशासकीय अधिकारी इसकी ओर ध्यान नही दे रहा है. गडअहेरी नाले का निर्माण बीस साल पहले किया गया था. उस दौरान नाले का स्तर कम था. बारिश के समय इस नाले के ऊपर से पानी बहता है. अहेरी तालुका से गडअहेरी मार्ग पर 20 से 22 गांव आते है और लोगों को भी तालुका में आने के लिए यह प्रमुख मार्ग है. फिर भी तालुका प्रशासन इसकी ओर ध्यान नही दे रहा. लोकप्रतिनिधी इस पर राजनीती कर भुल जाते है और स्थानिय गांववासियों को परेशानी झेलनी पड़ती है.
हर साल दो से तीन प्राण इस नाले में चले जाते है. हालही में इस नाले में दो बाइक सवार मरते-मरते बच गए. इस पुल के निर्माण के लिए जनआंदोलन भी किया गया था. कभी निधी का अभाव तो कभी अनुकूल वातावरण के कारण बताकर प्रशासन टालमटोल करती है. 2010 के पहले बने विधायक दिपक आत्राम के पांच साल ख़त्म होकर कोई भी पहल की नहीं की. उसके बाद 2014 में भाजपा के वि. अम्ब्रीशराव आत्राम अहेरी विधानसभा क्षेत्र से चुनकर आये और उनको आदिवासी विकास राजमंत्री पद मिला. नये पुल का निर्माण किया जाए ऐसी मांग जनता की ओर से की जा रही है.
अॉटो चालक-मालक संघटना ने अस्थायी रूप में जानलेवा पुल की मरंम्मत की. लेकिन यह अधिक दिन नहीं टिक सकता. इस पुल का स्तर बढ़ाने की जरुरत है. अहेरी तालुका गडचिरोली जिले का अतिसंवेदनशील क्षेत्र है और अहेरी के बाद कुछ प्राचीन गांव काटेपल्ली, कोलपल्ली, देवलमारी, व्येंकटापुर, यहाँ प्रमुख है. इन गांव के समीप प्राणहिता नदी है और सामने का पुरा क्षेत्र आंध्रप्रदेश का है. इस बात को ध्यान में रखकर नए पुल का निर्माण करे जिससे स्थानिय लोगों का स्वास्थ, शिक्षा, मार्केट जैसी समस्याओं का निपटारा होगा. लोकप्रतिनिधी और प्रशासन इस की ओर ध्यान दे ऐसा जनता के आक्रोश से पता चलता है.