मूल (चंद्रपुर)। जिले में अवैध रेत उत्खनन का प्रकार बड़े पैमाने में हो रहा है. मूल तालुका के चिरोली-सुशी दाबगांव परिसर में रेत उत्खनन शुरू होने पर भी प्रशासन इसकी ओर अनदेखी कर रहा है. वनविभाग की जगह से ट्रेक्टर से परिवहन किया जा रहा था. मात्र वनविभाग के क्षेत्र सहाय्यक विदेश गलगट ने इसकी ओर अनदेखी करने से इस घटना में आर्थिक लेनदेन करने की चर्चा परिसर में है.
घर निर्माण का प्रमाण दिन ब दिन बढ़ रहा है. लेकिन शासन ने रेत की लिज अब तक निकाली नही जिससे कुछ ट्रेक्टर और ट्रक मालकों ने अवैध उत्खनन का मार्ग अपनाया है. कम खर्च में अधिक पैसा मिलने के लालच में इन मालकों ने इस मार्ग से व्यवसाय शुरू किया है. चिरोली-सुशी परिसर से जानेवाली अंधारी नदी और वाही से रेत की तस्करी दिन में की जा रही है. जिस पर कोई भी कार्रवाई प्रशासन नही करता. उक्त उत्खनन वनविभाग की जगह से किया जाता है. लेकिन वनविभाग के क्षेत्र सहाय्यक विदेश गलगट इसकी ओर अनदेखी कर रहे है.
चिरोली में कुछ धनवान ट्रेक्टर मालकों ने आज सारजखेड़ा रिट से प्रातः 5 बजे के करीब अवैध रेत का उत्खनन कर चिरोली की ओर ले जा रहे थे. गस्त लगा रहे वनविभाग के कुछ कर्मचारियों ने इस ट्रेक्टर को पकड़ा लेकिन उक्त उत्खनन राजस्व विभाग की जगह से हो रहा है यह सुनकर छोड़ दिया गया. पता चला है कि उत्खनन वनविभाग के जगह से किया गया था. लेकिन वनविभाग के अधिकारियों ने इस प्रकरण में आर्थिक लेनदेन से ट्रेक्टर छोड़ा तथा अवैध उत्खनन करनेवालों पर कोई कार्रवाई नहीं हुयी ऐसी चर्चा हो रही है.
इस परिसर में बड़े पैमाने में अवैध शिकार का भी पता चला है. लेकिन केलझर में क्षेत्र सहाय्यक विदेश गलगट और वनकर्मचारियों कि अनदेखी होने पर आश्चर्य हो रहा है. उक्त प्रकरण में वनविभाग वरिष्ठ अधिकारियों ने जाँच कर योग्य कार्रवाई करे ऐसी मांग परिसर में जोर पकड़ रही है. वनविभाग की इस कार्रवाई की ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.