Published On : Fri, Sep 22nd, 2017

साक्षरता में नागपुर राज्य में प्रथम : महामहिम कोविंद

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President Ram Nath Kovind


नागपुर: महाराष्ट्र ऐतिहासिक व आर्थिक दृष्टि से देश में अपना अलग स्थान रखता है। वहीं नागपुर सांस्कृतिक सहित राज्य में साक्षरता मामले में प्रथम शहर होने का गौरव प्राप्त किया है।यह खुलासा हाल ही में ‘यूनिसेफ’ के सर्वे से सार्वजानिक हुआ है। इस पावनभूमि पर आकर मैं धन्य हो गया हूं। यह विचार आज रेशिमबाग मैदान के निकट मनपा के कविवर्य सुरेश भट्ट सभागृह के उद्धघाटन पर महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कही।

महामहिम ने आगे कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद दो प्रण किये थे। दिल्ली के बाहर पहली बार देश के सुरक्षा बलों के सम्मान में यात्रा करूंगा, २१ अगस्त को लेह-लद्दाख यात्रा से पूर्ण की। लेह-लद्दाक पर एक ओर चाइना तो दूसरी ओर पाक बॉर्डर है। दौरे के वक़्त डोकलाम समस्या चल रही थी, ऐसे में मैंने अपने देश के सैनिकों का मनोबल ऊंचा उठाने के लिए अपनी यात्रा उन्हें समर्पित की।

अमूमन देश में प्रथा है कि राष्ट्रपति किसी भी राज्य के दौरे पर जाये तो उस राज्य की राजधानी का दौरा होना चाहिए। दूसरी यात्रा महाराष्ट्र की हुई लेकिन मुंबई के बजाय नागपुर का दौरा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद तय हुआ। आज नागपुर पहुंच डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के क्रन्तिकारी निर्णय स्थल दीक्षाभूमि, रामटेक में जैन मुनि विद्यासागर महाराज से भेंट,वकामठी स्थित ड्रैगन विपश्यना केंद्र और अंत में कविवर्य सुरेशभट्ट के नाम पर सभागृह का उद्धघाटन करने खुद को काफी गौरान्विन्त महसूस कर रहा हूं।

भट्ट के सन्दर्भ में उन्होंने जानकारी दी कि वे बचपन में ही पोलियोग्रस्त हो गए थे, जीवनभर विकलांग रहे। उसके बाद इन ऊंचाइयों को छूते हुए अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करना उल्लेखनीय है। इनके स्मृति में निर्मित सभागृह नवोदित कलाकारों को प्रेरणा देता रहेगा।

उद्धघाटन कार्यक्रम में मंच पर महाराष्ट्र के राजयपाल सी।विद्यासागर राव, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, राज्य के ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, महापौर नंदा जिचकर व मनपायुक्त अश्विन मुद्गल उपस्थित थे।

सर्वप्रथम महापौर ने प्रस्ताविक संबोधन किया।तत्पश्चात मंच पर अासिन अतिथियों का मनपा प्रशासन की ओर से सत्कार किया गया। इसके बाद महामहिम राष्ट्रपति ने रिमोर्ट से कवि सुरेश भट्ट की प्रतिमा का अनावरण किया।

इसके बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में राज्य सरकार द्वारा सभागृह निर्माण हेतु ६० करोड़ की राशि देने पर मुख्यमंत्री का आभार माना। सुरेश भट्ट के सम्बन्ध में उन्होंने जानकारी दी कि वे पत्रकार, साहित्यकार, कवि के साथ साथ मराठी ग़ज़ल के प्रणेता थे। उनके शब्द विस्फोटक तो होते ही थे साथ में प्रेरणादायक भी होते थे। उन्होंने मनपा प्रशासन से इच्छा जाहिर की कि इस सभागृह का किराया अधिकतम ५००० रूपए प्रति कार्यक्रम रखें ताकि शहर व आसपास के आम कलाकारों को अपना हुनर दिखाने का मौका मिल सके।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नागपुर मनपा देश की पहली मनपा है जिसने इतने विशालकाय सभागृह का निर्माण किया। भट्ट की कविता-गाने आदि से कभी मोगरे की खुशबू तो कभी उनके शब्द अंगार बन कर दिलो-दिमाग को झकझोर दिया करते थे। यह सभागृह का गुणवत्तापूर्ण निर्माणकार्य नितिन गडकरी के मार्गदर्शन व पूर्व महापौर प्रवीण दटके के कार्यकाल के दौरान उनके प्रयासों का नतीजा है। यह सभागृह सांस्कृतिक इतिहास की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने धनवटे रंगमंदिर के पुनर्निर्माण एवं शहर में एम्बी थियेटर के निर्माण का वचन दिया। कार्यक्रम का संचलन मनपा में वरिष्ठ पार्षद दयाशंकर तिवारी ने किया और आभार प्रदर्शन मनपायुयक्त अश्विन जिचकर ने किया।

उल्लेखनीय यह रहा कि सम्पूर्ण कार्यक्रम के दौरान मंच पर अासिन मनपायुक्त आश्विन मुद्गल का नाम महामहिम, केंद्रीय मंत्री गडकरी व महापौर अपने संबोधन में करने से चूक गए। वहीं मुख्यमंत्री ने विशेष कर उनका जिक्र कर पीठ भी थपथपाई।