नागपुर : विभिन्न माँग को लेकर बीते सात दिनों से अनशन पर बैठे पार्षद बंटी शेलके ने गुरुवार को अपना आंदोलन समाप्त किया। ख़ास बात है की शहर के एक पार्षद अनशन पर लगातार सात दिनों तक बैठे रहने के बावजूद मनपा प्रशासन ने ध्यान तक नहीं दिया। आखिरकार गुरुवार को मनपा की आम सभा में एक वरिष्ठ पार्षद ने इस ओर सदन का ध्यान खींचा जिसके बाद आयुक्त आंदोलनकारी नगरसेवक से मिलने पहुँचे। महल स्थित मनपा टॉउन हॉल से अनशनस्थल की दुरी महज चंद कदमों की थी सभा की कार्यवाही में भाग लेने आयुक्त उसी मार्ग से टाऊन हॉल पहुँचे लेकिन जब काँग्रेस पार्टी के ही वरिष्ठ पार्षद प्रफुल्ल गुडधे आंदोलनकारी की व्यथा सदन को बताई उसके बाद प्रशासन को सुध आयी। मामले में टूल पकड़ता देख विवाद से बचने के लिए आखिरकार आयुक्त श्रावण हार्डिकर शेलके से मिलने पहुँचे और उनकी माँगो पर संज्ञान लेने का वादा कर अनशन तुड़वाया।
पार्षद बंटी शेलके 14 अप्रैल से अपने कुछ साथियों के साथ महल स्थित गाँधी गेट पर अनशन पर बैठे थे। उनका आरोप था की शहर की जनता को सहूलियत देने के लिए नियुक्त की गई कंपनियां लगातार लापरवाही बरात रही है जिससे जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस प्रशासन की तरफ से इस आंदोलन को गुरुवार तक ही इजाज़त दी गयी थी। पानी के लिए शुरू इस अंदोलन को मनपा आयुक्त ने आंदोलनकारी पार्षद को शरबत पिलाकर ख़त्म करवाया। बीते 7 दिनों से शुरू आंदोलन को कई लोगो ने अपना समर्थन दिया लेकिन महापौर नंदा जिचकार , शेलके की पार्टी के शहराध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष पार्षद के आंदोलन से अनभिज्ञ बने रहे।