Published On : Tue, Dec 12th, 2017

जनआक्रोश हल्ला बोल मोर्चे में एकजुट हुए कांग्रेस और राष्ट्रवादी पार्टी के दिग्गज

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नागपुर: नागपुर शहर में मंगलवार को विधानभवन पर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से विशाल जनआक्रोश हल्ला बोल मोर्चा का आयोजन किया गया था. जिसमें हजारों की संख्या में राज्यभर के राष्ट्रवादी कांग्रेस, कांग्रेस के समर्थक और कार्यकर्ता पहुंचे थे. कांग्रेस पार्टी की ओर से दीक्षाभूमि से इसकी शुरुआत की गई थी. जिसमें पदयात्रा के साथ मॉरेस कॉलेज चौक पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ आरपीआई कवाड़े, शेकाप, सपा, माकप के नेताओं ने मंच साझा किया. इस दौरान मंच पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार, पूर्व मंत्री गुलाम नबी आजाद, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चौहान, पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राष्ट्रवादी की नेता सुप्रिया सुले, धनंजय मुंडे, विधायक जीतेन्द्र आव्हाड ,कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार, भाई जगताप, सपा के विधायक अबू आजमी, पूर्व मंत्री सुनील तटकरे समेत अन्य नेतागण मौजूद थे.

इस जनाक्रोश में कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे अशोक चव्हाण ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की सरकार आने के बाद खेतिहर मजदूर परेशान है तो वहीं बेरोजगारी बढ़ गई है. यह जनाक्रोश हल्लाबोल आम आदमी के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हमेशा से ही किसानों और गरीबों को न्याय देने का कार्य किया है. आए दिन भाजपा ‘मैं लाभार्थी’ का विज्ञापन दे रही है. लेकिन उसमें कोई सच्चाई नहीं है. प्रधानमंत्री मन की बात करते हैं लेकिन काम की बात नहीं करते हैं. जीएसटी से छोटे व्यापारी परेशान हो चुके हैं. कांग्रेस ने जो जीएसटी का प्रस्ताव लाया था, उसमें और इसमें काफी बदलाव किया गया है. भाजपा सरकार ने सोशल मीडिया पर भी पाबन्दी लगाई है. 1300 स्कूले बंद की गई हैं. लेकिन शराब की दुकानों को स्थानांतरित करने की सुविधा दी गई है.


पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने इस दौरान कहा कि किसानों के लिए इस पदयात्रा की शुरुआत राष्ट्रवादी की ओर से की गई थी. सोई हुई सरकार को जगाने के लिए इस मोर्चे की शुरुआत की गई थी. पवार ने बताया कि उनके कृषिमंत्री और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय किसानों का 70 हजार करोड़ का कर्ज माफ़ किया गया था.

पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार ने इस दौरान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों के प्रश्न हल नहीं हुए हैं. कर्मचारी और व्यापारी परेशान हैं. प्रधानमंत्री ने झूठे आश्वासन दिए थे. भाजपा के मंत्री छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में करोड़ों रुपए खा रहे हैं. लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं. जबकि प्रधानमंत्री ने ही कहा था न खाऊंगा न खाने दूंगा.


गुलाम नबी आजाद ने इस दौरान कहा कि सरकार को सोचने की जरूरत है कि यह जनआक्रोश की जरूरत आखिर क्यों पड़ी है. आजाद ने कहा कि वे यवतमाल और वाशिम से चुनाव लड़ चुके हैं इसलिए उनका संबंध कश्मीर से ज्यादा महाराष्ट्र और विदर्भ से रहा है. नोटबंदी से देश के नागरिकों को परेशानी हुई है. जीडीपी नीचे गिर गई है. इस जनाक्रोश को गली गली तक लेकर जाने की बात उन्होंने कही.

पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी नेता प्रफुल पटेल ने कहा कि राष्ट्रवादी और कांग्रेस की सरकार के समय कृषि उत्पादों को जो भाव किसानों को दिया जाता था अभी वह नहीं मिल पा रहा है. गुजरात में अगर सत्ता परिवर्तन हुआ तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए. पहली सरकार में किसानों के लिए बोनस की व्यवस्था थी. लेकिन अब वो भी नहीं है. मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री विदर्भ के हैं लेकिन एक प्रतिशत विकास भी इस विदर्भ का नहीं हुआ है.

कांग्रेस के नेता मोहन प्रकाश ने भी इस दौरान सरकार पर हल्ला बोलते हुए कहा कि मनरेगा, आरटीआई, भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार कांग्रेस ने ही लाया था. लेकिन यह एक नकली सरकार है, जो लोग सरदार पटेल, गांधी और आंबेडकर को मानते हैं. उन्हें एक जंग शुरू करनी होगी. अब यह लड़ाई सफ़ेद टोपी और काली टोपी के बीच होगी.

कांग्रेस के राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि यह झूटी सरकार है. झूठे विज्ञापन दे रही है. किसानों को फंसाया जा रहा है. किसान आत्महत्याएं अब भी हो रही हैं.


राष्ट्रवादी कांग्रेस के धनंजय मुंडे ने इस दौरान कहा कि तीन साल में करीब 15 हजार किसानों ने राज्य में आत्महत्याएं की हैं. राज्य का किसान बर्बाद हो रहा है. खेती माल को भाव नहीं दिया जा रहा है. बेरोजगारों, विद्यार्थियों के लिए जनाक्रोश आंदोलन किया गया है. इस दौरान भाई जगताप, विधायक जीतेन्द्र आव्हाड, सपा के अबू आजमी ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा. इस मोर्चे में पंचशील टॉकीज चौक से लेकर मॉरेस कॉलेज चौक तक लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था. जिसके कारण चारों तरफ से यातायात को परिवर्तित मार्गों से चलाया गया.