आदिवासी छात्रावास में पानी नहीं होने के कारण गया था तैरने
छलांग लगाते ही सिर में चोट लगी और डूब गया कुएं में
श्रीक्षेत्र माहुर (नांदेड़)। श्रीक्षेत्र माहुर शहर के आदिवासी छात्रावास के कक्षा दसवीं के 16 वर्षीय छात्र बालू दिगांबर खूपसे की 21 सितंबर को सुबह 10 बजे कुएं में तैरने के
दौरान डूबने से मृत्यु हो गई. बालू माहुर तालुका के ग्राम अनमाल का निवासी था.
अवकाश और पानी नहीं होना जान पर बन आया
बालू माहुर के सरकारी आदिवासी छात्रावास में रहकर माहुर के ही श्री ज्ञानबाजी केशवे विद्यालय में दसवीं की पढ़ाई कर रहा था. रविवार को छात्रावास में पानी नहीं था. दिन भी छुट्टी का था. बस फिर क्या था. बालू अपने साथी ईश्वर गायकवाड़, विट्ठल लोखंडे और अविनाश खूपसे के साथ बस्ती के पीछे स्थित सार्वजनिक कुएं में तैरने के लिए चला गया. तीनों मित्र ग्राम अनमाल के ही रहने वाले थे.
सिर में चोट लगने से डूबा कुएं में
बालू के तीनों साथियों का तैरना होने के बाद बालू ने कुएं में छलांग लगाई. लेकिन इसी छलांग में उसके सिर में चोट लग गई. इससे वह तैर नहीं पाया और 30 फुट गहरे कुएं में डूब गया. उसके तीनों साथियों ने पानी में उतरकर उसकी तलाश की, मगर बालू कहीं नहीं मिल पाया. बालू के तीनों मित्रों ने इसकी जानकारी संबंधित शिक्षक़ों, बालू के रिश्तेदारों और पुलिस को भी दी.
कुएं में तल से खोज कर निकाला
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस निरीक्षक डॉ. अरुण जगताप, तहसीलदार डॉ. आशीष कुमार बिरादर, सहायक पुलिस निरीक्षक अनिल जाधव सहित पूरा पुलिस महकमा दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गया. छात्रावास के कर्मचारी भी आ गए. मगर सुबह 10 बजे डूबे बालू का पता सारे प्रयासों के बावजूद दोपहर 2 बजे नहीं चला. आखिर पुलिस ने ग्राम रुई के तैराक किसन उकंडा आगीरकर को बुलाया. किसन ने कुएं के तल में पहुंचकर बालू की लाश को बाहर निकाला. पंचनामे के बाद उसका पोस्टमार्टम किया गया.
छात्रावास की अव्यवस्था बनी जान का कारण
बालू के निधन से माहुर सहित उसके गांव अनमाल में शोक व्याप्त है. बताया जाता है कि छात्रावास में व्याप्त अव्यवस्था ही उसकी जान का कारण बनी है. इस छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों के बहुत बुरे हाल हैं. 65 विद्यार्थी यहां रहते हैं, लेकिन उनकी दयनीय अवस्था की तरफ किसी का ध्यान नहीं है.