बाभुलगांव (यवतमाल)। भक्तों के श्रद्धास्थान व हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक बाबा हुसैन शाह वली की दरगाह से 2 नवंबर की शाम भव्य संदल निकली जाएगी. इस अवसर पर भक्तों को अधिसंख्य शामिल होने की अपील की गई है.
यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बाभुलगांव एक समय बाभुलवन के नाम से प्रसिद्ध था. यहां बाभली के बड़े पैमाने में वृक्ष थे. जिस वन में कई हिंसक प्राणी थे. जहां लोग जाने से कतराते थे. वहीं एक बांसुरी की तान गायों को नियंत्रित करने वाले हुसैन शाह नामक व्यक्ति रहा करते थे. उस वक्त पाटला के पास वे नौकरी किया करते थे. दूर गई गायें उनकी मधुर मुरली की तान पर लौट आती थीं. इसके अलावा उनके भक्त उनकी अनेक चमत्कारिक घटनाओं का बखान आज भी किया करते हैं. बाबा यहां कब आये, कहां से आये इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है. उन्होंने वार्ड क्र. 2 स्थित मशिदपुरा में समाधी ली थी. उसी वक़्त से भव्य संदल निकाल कर उनकी समाधि पर श्रद्धासुमन चादर चढ़ाकर आशीर्वाद लेने का सिलसिला जारी है. सभी जाति-धर्म के लोग इस शाही संदल में शरीक़ होते है. इसी सन्दर्भ में दरगाह कमिटी की ओर से कल 2 नवंबर की शाम गांव के मुख्य मार्गों से संदल गुजरेगी, जो मशीदपुरा से निकालकर गणारीपुरा, नेहरू नगर व शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए पुनः बाबा के दरबार पहुंच चादर अर्पित की जाएगी. इस अवसर पर महाप्रसाद का लाभ लेने तथा संदल में शामिल होने की अपील दरगाह कमेटी ने आमोख़ास से की है.