नागपुर: शहर पुलिस आयुक्तालय ने जिले के पालकमंत्री के मंसूबे पर पानी फेर दिया, इनकी मंशा थी कि नवरात्र के मद्देनज़र महादुला-कोराडी (राष्ट्रीय महामार्ग-६९ के इर्द-गिर्द) स्थित “सर्विस रोड” सहित राष्ट्रीय महामार्ग के अधिनस्त जमीन पर स्थाई-अस्थाई अतिक्रमण पूर्ण साफ़ हो जाये. जिससे नवरात्र के दौरान सम्पूर्ण परिसर साफ़-सुथरी दिखे. अब राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण के नागपुर विभागीय कार्यालय के पहल पर नवरात्र के बाद पुलिस बंदोबस्त में उक्त अतिक्रमण का सफाया किया जायेगा. इस खबर से महादुला-कोराडी में अतिक्रमणकारियों को राहत मिली.
सूत्रों के अनुसार किसी भी मार्ग पर अतिक्रमण रही तो हटाने व पनपने न देने की जिम्मेदारी जिस विभाग की सड़क होती है, उसकी होती है और “सर्विस रोड” सह अन्य सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों की होती है. उक्त नियमावली के जानकर होने के बावजूद जिले के पालकमंत्री ने अपने गृहक्षेत्र महादुला-कोराडी बाजार जो राष्ट्रीय महामार्ग-६९ किनारे बसा है, वहाँ दिनों दिन फैलती और स्थाई होती जा रही अतिक्रमण को हटाने के किये खुद के पक्ष (भाजपा) के अधिनस्त (सत्ताधारी) की नगर-पंचायत और ग्राम पंचायत के मार्फ़त पहल करने की बजाय अपने वजूद का फायदा उठाकर राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण के नागपुर विभागीय अधिकारियों को अतिक्रमण हटाने के संदर्भ में विगत सप्ताह रवि-भवन में जली-कटी सुनाई.
राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण का मंत्री स्थानीय होने के कारण उनके ही पक्ष का पालकमंत्री होने से उक्त अतिक्रमण हटाने के लिए पहल शुरू कर दी. पहले कोराडी थाना फिर पुलिस आयुक्तालय गए लेकिन कोई सकारात्मक सहयोग नहीं मिला, फिर प्राधिकरण के मंत्री और पालकमंत्री के कार्यालय से पुलिस आयुक्तालय को मदद करने हेतु सिफारिश की लेकिन आजतक सहयोग नहीं मिला. मानो पालकमंत्री के मंसूबे पूर्ण करने के लिए पुलिस आयुक्तालय अपने सैनिकों को जबरन जनाक्रोश के साये में धकेलना नहीं चाह रहे हो.
सूत्र बतलाते है कि उक्त अतिक्रमण कार्रवाई नवरात्र समाप्त होने के बाद हो सकती है. इस खबर से अतिक्रमणकारी, सड़क किनारे रोजी-रोटी कमाने वाले सह पुलिसकर्मी काफी राहत महसूस कर रहे है.
उल्लेखनीय यह है कि राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण के नियमानुसार शहरी इलाके में सड़क सिमा के ३ मीटर बाद अधिकृत निर्माणकार्य किया जा सकता है. इस हिसाब से कोराडी-महादुला बाजार के कई पक्की इमारत का हिस्सा तोडना पड़ेगा, जिसे तोड़ने के लिए सभी सम्बंधित विभागों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. निःसन्देश पुलिस आयुक्तालय के नकारात्मक रुख से पालकमंत्री को धक्का लगा होंगा, पालकमंत्री वैसे भी जब-जब कोराडी-महादुला में अतिक्रमण कार्रवाई हुई, तब-तब वे अपने गृह-क्षेत्र से काफी दूर चले जाते, ताकि अतिक्रमणकारियों के आक्रोश से सामना न करना पड़ सके.
कल अकेले गांव पहुँचने के बाद सार्वजानिक करेंगे गांव का नाम
28 सितंबर को पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले जिले के एक गांव में सुबह से रात तक रुकेंगे. तय गांव तक अकेले अपने करीबियों के संग पहुंचेंगे फिर अपने पहुँचने की जानकारी सार्वजानिक करेंगे.
– राजीव रंजन कुशवाहा