अमरावती। कैटरीग काम के बहाने राजस्थान ले जाकर एक महिला को बेचने के आरोप में जिला व सत्र न्यायाधीश ओ.पी.जयस्वाल की अदालत ने आरोपी मो.हाशम मो.हातम (40, फ्रेजरपुरा) व संजीवनी संजय गावंडे (45, माया नगर) को 5 वर्षकैद की सजा सुनाई.
माया नगर निवासी 22 वर्षीय विवाहिता हाशम की कैटरीग में काम करती थी, जबकि संजीवनी के मकान में किराये से रहती. 15 जनवरी 2009 को संजीवनी व हाशम ने कैटरीग के काम का बहाना कर उसे राजस्थान ले गये. यहां उसे मात्र 70 हजार रुपए में जुगतराम संताराम जाठ (अजरासर, राजस्थान) व हरकरण मोती मेवाराम गुर्जर (50, जयपुर, राजस्थान) को बेच डाला. इन दोनों ने महिला का हरकेशसिंग चिंतामनी कठाना (अहमदाबाद) से 1.30 लाख में सौदा किया. यहां जबरन उसका विवाह करवाया. तीन दिन बाद संजीवनी घर लौट आयी, लेकिन महिला ना दिखाई देने पर उसकी मां ने पूछताछ की. संजीवनी ने उसे यह बहाना कर टाल दिया कि तुम्हारी बेटी बहिरम में है. दूसरे दिन अचानक संजीवनी घर से लापता जाने से संदेह हुआ. उसने तत्काल राजापेठ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु की.
पुलिस ने हाशम समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तारी किया, लेकिन पांचवे आरोपी हरकेश कठाना अब तक हाथ नहीं लग पाया. इसी मामले में 4 गवाहों की गवाही व सरकारी वकील प्रकाश शेलके की दलीलों पर हाशम व संजीवनी के खिलाफ आरोप सिध्द हुआ. कोर्ट ने दोनों को 5 वर्ष कैद व 3 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई. जबकि जुगतराम जाठ व हरकरण गुर्जर को सबूत के अभाव में बरी किया. फरार आरोपी हरकेश कठाना के खिलाफ अलग से चार्जशीट दायर करने के आदेश दिये है.
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