Published On : Wed, Aug 27th, 2014

वरुड (अमरावती) : थाने के घेराव के बाद बलात्कार का मामला दर्ज, आरोपी गिरफ्तार

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तीन माह तक 9 साल की मासूम बच्ची के साथ की जबरदस्ती

पुलिस कर्मचारियों को निलंबित करने की मांग

BENODA POLICE GHERAO
वरुड (अमरावती)

तीन महीने तक एक 9 साल की मासूम बच्ची के साथ जबरदस्ती कर रहे गांव के एक दबंग व्यक्ति के खिलाफ सामान्य मामला दर्ज करने और बच्ची के माता-पिता को धमकी देने से गुस्साए ग्रामीणों ने अमरावती जिले के बेनोडा (शहीद) पुलिस स्टेशन का घेराव किया. तब कहीं जाकर बलात्कारी युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया. अब गांव वालों की मांग है कि मामले को हल्के में लेने और धमकाने वाले पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाए. मांग पूरी नहीं होने तक शांत नहीं बैठने का संकल्प भी ग्रामीणों ने किया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार बेनोडा (शहीद) से कुछ दूर एक आदिवासी गांव है पलसोना. इसी गांव में एक गुजर परिवार भी रहता है. गांव के अनेक लोग इसी परिवार के पास मजदूरी के लिए जाते हैं. भोपू उर्फ़ भूपेश सिराजने (गुजर) नामक 35 वर्षीय युवक इसी परिवार का है. भोपू के घर के पास उसी की खाली जगह में एक आदिवासी परिवार रहता है. एक परिवार खेत में भी रहता है. ये लोग भोपू के पास काम भी करते हैं. विवाहित और दो बच्चों का पिता भोपू पिछले कुछ दिनों से घर के पास रहनेवाले परिवार की एक 4 थी कक्षा में पढने वाली मासूम बच्ची के साथ मुंह काला कर रहा था.

शिकायत सिरे से ख़ारिज
भोपू अक्सर रविवार और अन्य छुट्टी के दिन बच्ची के माता-पिता के खेत में जाने के बाद चॉकलेट और बिस्कुट देने के बहाने दुपहिया वाहन पर बैठाकर ले जाता और खेत में उसके साथ मुंह काला करता था. मालिक होने के कारण बच्ची के परिजनों को भोपू पर कभी कोई शक नहीं हुआ. एक दिन बच्ची ने अपने साथ की जाने वाली हरकतों के बारे में अपने माता-पिता को बताया. उन्होंने इसकी शिकायत भोपू की पत्नी से की. मगर उसने शिकायत को सिरे से ख़ारिज कर दिया. कहा-मेरा पति ऐसा कुछ कर ही नहीं सकता.

पुलिस ने की डांट-डपट
कुछ दिन और ऐसे ही बीते. नराधम भोपू का अत्याचार चलता ही रहा. 23 अगस्त को हमेशा की तरह भोपू ने बच्ची को गाड़ी से चलने को कहा. लेकिन बच्ची उसके साथ जाने के बजाय भागकर उदयसिंह गुजर के घर चली गई. बच्ची ने गुजर की पत्नी से सब कह सुनाया. गुजर की पत्नी के गाली-गलौज करने के बाद भोपू भाग खड़ा हुआ. दूसरे दिन बच्ची के माता-पिता ने बेनोडा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. लेकिन उस वक्त वहां उपस्थित महिला थानेदार और जमादार ने डांट-डपटकर उन्हें रिपोर्ट बदलने को कहा. फिर अदखलपात्र मामला दर्ज कर दोनों को वहां से भगा दिया.

थाने का घेराव, गांव में तनाव
खबर फैली तो गोंडवाना विकास बहुद्देश्यीय संस्था के संस्थापक अध्यक्ष और पूर्व जिला परिषद सदस्य दीपक सलामे, आल इंडिया आदिवासी एम्प्लाइज फेडरेशन की वरुड शाखा, क्रांतिसूर्य बिरसामुंडा युवा ब्रिगेड पलसोना तथा बेनोडा (शहीद) के संजय परतेति, श्रीराम युवनाते, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अध्यक्ष मुरलीधर मरसकोल्हे, आदिवासी सेल सहित सैकड़ों महिला-पुरुष पीड़ित बच्ची और उसके माता-पिता को लेकर कल सुबह बेनोडा (शहीद) पुलिस स्टेशन पहुंच गए और बलात्कार का मामला दर्ज करने तथा आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे. नवनियुक्त थानेदार एम. एम. ठाकरे ने वरिष्ठ अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत की. इसके बाद भोपू के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया. आरोपी को मोर्शी भेजा गया, लेकिन देर शाम तक थाने का घेराव जारी रहा.

राजनीति गरमाई
अब ग्रामीणों की मांग है कि बच्ची के माता-पिता को धमकाने वाले और मामले को हल्के में लेनेवाले पुलिस कर्मचारियों को निलंबित किया जाए.
इस बीच महात्मा गांधी टंटामुक्त समिति के अध्यक्ष श्रीराम युवनाते ने भोपू के भाई कमलेश सिराजने पर थाने में उनके साथ गाली-गलौज की शिकायत दर्ज कराई है. इस बीच, इस मामले को लेकर राजनीति गरमा गई है.