दक्षिण-पश्चिम नागपुर की भिड़ंत होगी सबसे दिलचस्प
राउत, गुड़धे पाटिल और ठाकरे तय, अंतिम मुहर दिल्ली में
राज्य संसदीय मंडल ने फैसला कर अ. भा. कांग्रेस कमेटी को भेजा
नागपुर टुडे
अब यह साफ हो गया है कि दक्षिण-पश्चिम नागपुर में वरिष्ठ कांग्रेसी नगरसेवक प्रफुल्ल गुड़धे पाटिल की टक्कर भाजपा के हैवीवेट और प्रदेशाध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस से ही होगी. कहा जा सकता है कि यहीं नागपुर की सबसे दिलचस्प लड़ाई होगी. फडणवीस का इस क्षेत्र में दबदबा है और पिछले चुनाव में वे शहर कांग्रेस के अध्यक्ष विकास ठाकरे को पराजित कर चुके हैं.
याद रहे, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संसदीय मंडल ने नागपुर शहर के 6 में से 3 विधानसभा क्षेत्रों के लिए कांग्रेसी उम्मीदवारों का चयन कर लिया है. इसमें जिले के पालकमंत्री नितिन राउत उत्तर नागपुर से, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विकास ठाकरे पश्चिम और वरिष्ठ कांग्रेसी नगरसेवक प्रफुल्ल गुड़धे पाटिल दक्षिण-पश्चिम नागपुर से उम्मीदवार होंगे. पूर्व पालकमंत्री सतीश चतुर्वेदी और विधायक दीनानाथ पडोले क्रमशः पूर्व नागपुर और दक्षिण नागपुर विधानसभा सीट के लिए प्रबल दावेदारों में से एक हैं, वहीं मध्य नागपुर के लिए अनीस अहमद सहित 4 दावेदार हैं.
सर्वसम्मति से चयन
उक्त उम्मीदवारों का चयन राज्य के 20 सदस्यीय संसदीय मंडल ने किया है, लेकिन उक्त सूची को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की चुनाव समिति की हरी झंडी मिलना अभी बाकी है. 30 और 31 अगस्त को महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संसदीय मंडल की अहम बैठक हुई थी. इसी बैठक में पश्चिम, उत्तर और दक्षिण-पश्चिम नागपुर के लिए उम्मीदवारों का चयन सर्वसम्मति से किया गया.
डेढ़ लाख कुनबी मतदाता
गुडधे पाटिल 3 दफा नगरसेवक का चुनाव जीत चुके हैं. साथ ही अपने सभी सहयोगी उम्मीदवारों को जीत दिलवाने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई है. गुडधे पाटिल कुनबी समुदाय के हैं और दक्षिण-पश्चिम में डेढ़ लाख कुनबी मतदाता हैं. इससे फडणवीस की राह और मुश्किल जरूर हो जाएगी.
वासनिक ने कर दिया सभी को आश्चर्यचकित
पालकमंत्री राऊत की उम्मीदवारी तो पक्की मानी जा रही थी, लेकिन विकास ठाकरे का पश्चिम नागपुर के लिए चयन सभी को अचंभित कर गया. इस सीट के लिए मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के करीबी और राज्य के ऊर्जा, वित्त राज्यमंत्री राजेंद्र मुलक मजबूत दावेदार माने जा रहे थे. लेकिन संसदीय मंडल की बैठक में उपस्थित ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव मुकुल वासनिक ने मुलक का विरोध कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया. याद रहे, लोकसभा चुनाव में मुलक ने मुकुल वासनिक का जमकर साथ दिया था. मुलक के प्रति मुकुल का विरोध सभी की समझ से परे है. संभव है कि अगर राज्य में पुनः कांग्रेस की सत्ता आती है तो मुख्यमंत्री चव्हाण के विरोध का फायदा उठाकर मुकुल मुख्यमंत्री पद के लिए अपना नाम आगे करवा सकते हैं. इसके लिए उन्हें विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी. शायद इसीलिए वे अभी से काम से लग गए हैं.
मुलक फिर हुए सक्रिय
संसदीय मंडल के सदस्यों की नज़र में ठाकरे, राऊत और गुडधे पाटिल अपनी-अपनी सीटें जीतने में कामयाब होंगे. खास कर पश्चिम नागपुर के लिए विकास ठाकरे के अलावा अन्य किसी के नाम पर मंडल की बैठक में चर्चा नहीं की गई. ठाकरे के पक्ष में कांग्रेसी संसदीय मंडल का सकारात्मक रुख देख मुलक एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं. कांग्रेसी पार्टी की इस परंपरा से वाकिफ हैं कि कांग्रेस में कभी भी कुछ भी हो सकता है.
पूर्व और दक्षिण पर नहीं हुआ कोई फैसला
संसदीय मंडल की बैठक में पूर्व और दक्षिण नागपुर के उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका, लेकिन क्रमशः सतीश चतुर्वेदी और विधायक दीनानाथ पडोले दौड़ में सबसे आगे हैं. अगर दक्षिण से तीसरी दफा पडोले को कांग्रेस ने उम्मीदवारी दी तो सिर्फ शहर से ही कांग्रेस के 3 कुनबी उम्मीदवार हो जाएंगे.
मध्य नागपुर में दिक्कतें ज्यादा
मध्य नागपुर से उम्मीदवार तय करने में कांग्रेस को कुछ ज्यादा ही दिक्कत पेश आ रही है. यहां से जयप्रकाश गुप्ता, आसिफ कुरैशी, हैदरअली दोसानी, शेख हुसैन और कांता पराते टिकट मांग रहे हैं. यह क्षेत्र हलबा बहुल है और दूसरे क्रमांक पर क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय का दबदबा है. इस समीकरण को ध्यान में रखकर ही कांग्रेस को उम्मीदवार तय करना होगा. इनमें से एक इच्छुक की “आईबी इन्क्वायरी” भी चल रही है.