Published On : Thu, Aug 21st, 2014

चंद्रपुर : तीन साल की कोशिश से मिला खेतमजदूरों को न्याय

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न्यूनतम वेतन की घोषणा को प्रहार कामगार संगठन ने बताया अपनी सफलता


चंद्रपुर

शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में खेतमजूर के रूप में काम करने वाले मजदूरों के न्यूनतम वेतन में सरकार ने वृद्धि की है. इसमें उल्लेखनीय यह है कि इस वेतनवृद्धि के साथ ही पहली बार जीवनस्तर भत्ता देने का फैसला भी सरकार ने लिया है. इस फैसले को विदर्भ प्रहार कामगार संगठन ने अपनी सफलता बताया है. संगठन की संस्थापिका अधि. हर्षलकुमार चिपलूणकर ने कहा है कि उनका संगठन इसके लिए पिछले तीन साल से आवाज बुलंद कर रहा था.

अधि. चिपलूणकर ने कहा है, राज्य की विभिन्न संस्थाओं में जारी सरकारी योजनाओं में काम करने वाले खेत मजदूरों को न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जाता था. इसे लेकर प्रहार संगठन ने सरकार का ध्यानाकर्षण किया. तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार से मुलाकात की, ज्ञापन सौंपा. संगठन का तीन साल का प्रयास रंग लाया है और आज सरकार ने न्यूनतम वेतन की घोषणा कर दी है.

अधि. चिपलूणकर ने कहा है कि सरकार ने पहली बार जीवनस्तर भत्ता देने का फैसला भी किया है, जो उनके संगठन की एक बड़ी सफलता है. उन्होंने कहा कि इस घोषणा से खेतमजदूरों को न्याय मिला है.

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