लोनिवि की उदासीनता
घुग्घुस – वरोरा से लेकर बामणी तक फोरलेन निर्माणकार्य किया जा रहा है। फोरलेन के निर्माण के तहत नागपुर रोड पट ईरई नदी के पुल पर बाजू से एक ओर पुल निर्मित किया गया है परंतु फोरलेन बनाने वाली संबंधित ठेका कंपनी द्वारा दोनों पुलों के बीच के अंतर को काफी बड़ा रखे जाने से यहां किसी भी समय भीषण दुर्घटना से इंकार नही किया जा सकता है। सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग की उदासीनता किसी भी समय भीषण दुर्घटना का कारण बन सकती है।
उल्लेखनीय है की नागपुर रोड पर २४ घंटे ट्राफिक शुरू रहता है। ईरई पुल से वाहन न केवल नागपुल के लिए आवागमन करते है बल्कि एमआयडीसी और घुग्घुस के लिए भी बड़े पैमाने पर मालवाहक वाहनों, कोयले से लदे वाहनों का आवागमन होता है। फोरलेन निर्माण के चलते संबंधित कंपनी ने ईरई नदी पर काफी वर्षों पूर्व बनाए गए पुल को दुरुस्त कर बाजू में नया पुल निर्मित किया है। इसके कारण निश्चित तौर पर दोनों छोर पर पुल निर्माण होने से वाहन वाहन चालकों की जान सांसत में डाल दी है।
इस पुल का निर्माण फोरलेन के दृष्टी से किया गया है परंतु दोनों पुलों के बीच का अंतर काफी बड़ा रखा गया है। निचे से नदी बह रही है। नए पुल पर तो कठघरे बनाकर दोनों छोर को सुरक्षित कर लिया गया परंतु पुराने पुल पर एक छोर पर कठघरा ना होने से रात के समय ओवरटेक करते हूए किसी भी वाहन के दोनों पुल के निचे गैप में जा गिरने की पुरी संभावना दिखाई दे रही है। यह मार्ग फोरलेन बन जाने से दोनों छोर से वाहन बड़ी तेज गति से आवागमन करते हुए नजर आ रहा है, ऐसी स्थिती भीषण दुर्घटना को रोक पाना कठिन है।
दुर्घटना की आशंका के चलते संबंधित फोरलेन निर्माण कंपनी तत्काल ध्यान देकर पुल के कठघरे बनाकर अथवा गैप को पाट कर दुर्घटना से सुरक्षित करने की अत्यंत जरुरत है। सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग द्वारा पूरी गंभीरता से इस समस्या की ओर ध्यान देकर तत्काल उपाय योजना करने की आवश्यकता है।