Published On : Thu, Apr 17th, 2014

आमगांव: सिंचाई विभाग की नहरों की हालत खस्ता

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अधिकारी कर रहे टाल मटोल 

Aamgaon-1आमगांव.

मुख्यालय से 16 कि.मी. दुरी पर स्थित पुजरीटोला डैम से निकलने वाली मुख्य नहर आमगांव तहसील परिसर में लगभग 33 हजार मीटर लंबाई की है। नहरों की अनदेखी व प्रशासन एवं अधिकारियों की लापरवाही के चलते नहरे खस्ताहाल हो गई है। 0 – 33 किलोमीटर की लंबाई वाली विशाल नहरों की ओर ध्यान नहीं दिए जाने से किसानो के लिए खेतों में आवागमन करना काफी मुश्किल भरा हो गया है। यहाँ नियुक्त अधिकारी के मुख्यालय में नियमबद्ध नहीं रहने से इस ओर अनदेखी होने के आरोप नागरीक लगा रहे है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुजारिटोला जलाशय के अंतर्गत आनेवाली मुख्य नहर के रखरखाव के अभाव में व अधिकारीयों की अनदेखी के चलते बारिश में नहरों से पैदल तक चलना मुश्किल हो जाता है। वर्षों से इन नहरों की मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शासन द्वारा दिए जानेवाली लाखो रूपये की निधी आखिर कहा जा रही है ? ऐसा सवाल नागरिक कर रहे है। जहां जरुरत है वहा पर काम किए जाने की मांग किसान दिलीप भटाले,शिवनी, सचिन श्यामकुवर, कुंभारटोली, लिखिराम चावके, अंबेडा, राजीव फुंडे कालीमाटी, महेश मानकर कट्टीपार कर रहे है।

सुत्रों की माने तो कुछ नहरों पर सीमेंट लाइनिंग का काम किया गया है। किंतु निकृष्ट तथा अल्प मात्रा में सीमेंट उपयोग करने के कारण लाइनिंग जर्जर हो कर टूट गई है। मुख्य नहरों पर बनाए गए छोटे-छोटे गेट की हालत जर्जर हो गई है। कई वर्षो से विभाग द्वारा गेट के नवीकरण पर ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से वह ढहने की कगार पर है। उस गेट को खोलने तथा बंद करने वाले कर्मचारी जान हथेली पर लेकर काम करते है।

इन मुख्य नहरों से तहसील क्षेत्र की कृषि जमीन 2 हजार 800 हेक्टर जमीन को विभाग द्वारा सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है। जिस में से तहसील के 18 से अधिक गावों को सिंचाई हेतु पानी छोटी-बडी नहरों द्वारा पॅहुचाया जाता है। लेकिन नहरों की हालत जर्जर होने की वजह से कई गावों तक पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुँच पाता । नहरों द्वारा सिंचाई वाले क्षेत्र में हेक्टर मुताबिक पदमपुर में 48 हेक्टर, आमगांव 177, बनगांव 182, माल्ही 517, रिसामा 123, बिरसी 110, गोरठा 60, किंडगीपार 150, बोथली 22, जवरी 73, शिवनी 135, धामनगांव 144, कट्टीपार 64, गोसाईटोला 50, सरकारटोला 188, ननसरी 140, मुंडीपर 200 का समावेश है।

गावों में बाघ सिंचाई प्रकल्प का पानी नहरों द्वारा खेतों को दिया जाता है। लेकिन नहर जर्जर होने की वजह से खेतों में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पहुँच पाता। फसल कम होने की एक मुख्य यह वजह भी बताई जा रही है।

Aamgaon-2